हर "जुर्म" पे उठती हैं उँगलियाँ मेरी तरफ__
क्या "मेरे" सिवा शहर में "मासूम" हैं सारे।
हर "जुर्म" पे उठती हैं उँगलियाँ मेरी तरफ__
क्या "मेरे" सिवा शहर में "मासूम" हैं सारे।
हमे तो अपनो ने लूटा,
गैरो मे कहा दम था,
मेरे बाफले वही जले,
जहा राखोडा कम था..,😝😝😝😜✋😃
मैं किसी से बेहतर करुं क्या फर्क पड़ता है
मै किसी का बेहतर करूं बहुत फर्क पड़ता है
Er kasz
उसकी दर्द भरी आँखों ने जिस जगह कहा था अलविदा
आज भी वही खड़ा है दिल उसके आने के इंतज़ार में..!!
छोड दी हमने हमेशा के लिए उसकी आरजू करना
जिसे मोहब्बत की कद्र ना हो उसे दुआओ मे क्या मांगना
ऐ सनम एक तेरी याद है जो लिपटी हुई है मुझसे
वरना मुरझाने के बाद तो फूलो से भी खुशबू जुदा हो जाती है
मैं तो फ़ना हो जाता हूँ अपनी आँखों में उनका अक्स देखकर
वोह ना जाने कैसे अपनी आँखे आईने में देखती होगी
मैंने पूछ लिया क्यों इतना दर्द दिया कमबख़्त तूने
वो हँसी और बोली मैं ज़िंदगी हूँ पगले तुझे जीना सिखा रही थी
अच्छे के साथ अच्छे रहे लेकिन बुरे के साथ बुरे नहीं बने
क्योंकि पानी से खून साफ कर सकते है लेकिन खून से खून नहीं
आँखों में बसी है प्यारी सूरत तेरी और दिल में बसा है तेरा प्यार
चाहे तू कबूल करे या ना करे; हमें रहेगा तेरा इंतज़ार
साथ रोती थी हँसा करती थी एक परी मेरे दिल में बसा करती थी
किस्मत थी हम जुदा हो गए वरना वो मुझे अपनी तकदीर कहा करती थी
हम जब दिन की शुरुआत करते है
तब लगता है की, पैसा ही जीवन है .
लेकिन, जब शाम को लौट कर घर आते है,
तब लगता है, शान्ति ही जीवन है ।
किसी की मजबूरियाँ पे न हँसिये
कोई मजबूरियाँ ख़रीद कर नहीं लाता
डरिये वक़्त की मार से
बुरा वक़्त किसी को बताकर नही आता
मैं आज तक नहीं समझ पाया कि
लोगों को "ईश्वर" से शिकायत क्यों रहती हैं
उन्होने हमारे पेट भरने की जिम्मेदारी ली हैं भाई
पेटियां भरने की नहीं.
आपको कौन मिलता है यह समय तय करता है
आप उनमें से किसका साथ चाहते हैं यह आप तय करते हैं
और उनमें से कौन आपके साथ रहता है यह आपका व्यहार तय करता हैं