हथेलियों पर मेहँदी का “ज़ोर” ना डालिये,
दब के मर जाएँगी मेरे “नाम” कि लकीरें…!!!!

अब तेरा नाम हथेलियों पर नहीं लिखते हम…
कारोबार में सबसे हाथ मिलाना पड़ता है।।

जिस इंसान की हर बात आपको सोचने पर मजबुर कर दे,
उस इंसान के साथ कभी दुश्मनी मत करो,

महसूस जब हुआ कि सारा शहर मुझसे जलने लगा है
तब समझ आ गया कि अपना नाम भी चलने लगा है

मुझको मेरे वजूद की हद तक न जान पाओगे….
बेहद , बेहिसाब, बेमिसाल बेइन्तहा हूँ मैं.…!!!!

खामोश हूँ मै बस तुम्हारी हर खुशी के लिए
पर ये भी ना सोचो कि मेरा दिल दुखता ना होगा

कल मिली फुर्सत तो जुल्फें तेरी सुलझा दूंगा
अभी तो उलझा हूँ जिन्दगी सुलझाने में

शायरों की महफ़िलों में हम इसलिए भी जाते हैं
हम से बिछड़ कर शायद वो भी शायर हो गयी हो

हवा खिलाफ थी लेकिन, चिराग भी क्या खूब जला
खुदा भी अपने होने के क्या क्या सबूत देता है

तू मिले या ना मिले ये मेरे मुकद्दर कि बात है मगर
सुकून बहुत मिलता है तूझे अपना सोच कर

मैने उस से कहा बहुत प्यार आता है तुम पर...
उसने कहा- और तुम गरीब लोगोँ को आता भी
क्या है ??

जिन्दगी भर कोई साथ नही देता ये जान लिया है हमने
लोग तो तब याद करते है जब वो खुद अकेले हो

तकलीफें तो हज़ारों हैं इस ज़माने में
बस कोई अपना नज़र अंदाज़ करे तो बर्दाश्त नहीं होता

जो झुकते हैं ज़िन्दगी में वो बुज़दिल नही होते
यह हुनर होता हैं उनका हर रिश्ता निभाने का

आजकल की लडकियों के हैण्ड बैग देखकर समझ नहीं आता कि
कॉलेज ऑफिस जा रही है या सब्जी खरीदने