यूं तो हम हैं बाल-ब्रह्मचारी; पर जहां देखी नारी वहीं पलटी मारी; पटाने की हमेशा कोशिश जारी; पटी तो वो हैं हमारी; वरना हम तो हैं ही ब्रह्मचारी।
यूं तो हम हैं बाल-ब्रह्मचारी; पर जहां देखी नारी वहीं पलटी मारी; पटाने की हमेशा कोशिश जारी; पटी तो वो हैं हमारी; वरना हम तो हैं ही ब्रह्मचारी।
कोई कहता है दुनिया प्यार से चलती है; कोई कहता दुनिया दोस्ती से चलती है; लेकिन जब आजमाया तो पाया कि दुनिया तो सिर्फ मतलब से चलती है!
जरूरी नहीं कि कुत्ता ही वफादार निकले वक़्त आने पर आपका वफादार भी कुत्ता निकल सकता है।
माटी का एक नाग बनाके पुजे लोग लुगाया ज़िंदा नाग जब घर से निकले ले लाठी धमकाया; ज़िंदा बाप कोई ना पुजे मरै बाद पुजवाया मुट्ठी भर चावल लेके कौवे को बाप बनाया। ~ संत कबीर
कभी फूलों की तरह मत जीना; जिस दिन खिलोगे टूट कर बिखर जाओगे। जीना है तो पत्थर की तरह जियो; जिस दिन तराशे गए खुदा बन जाओगे।
एक कब्रिस्तान के बाहर बोर्ड पर लिखा था: मंज़िल तो मेरी यही थी बस ज़िंदगी गुज़र गई मेरी यहाँ तक आते-आते!
एक दिन सोने ने लोहे से कहा हम दोनों ही लोहे की हथोड़ी से पिटते हैं लेकिन तुम इतना चिल्लाते क्यों हो? लोहा: जब अपना ही अपने को मारता है तो दर्द ज्यादा होता है।
एक कटु सत्य यह है कि अगर जिन्दगी इतनी अच्छी होती तो हम इस दुनिया में रोते हुए न आते मगर एक मीठा सत्य यह भी है कि अगर यह जिन्दगी बुरी होती तो जाते-जाते लोगों को रुलाकर भी न जाते।
हम आज भी शतरंज का खेल अकेले खेलते हैं! क्योंकि दुश्मनों को हम सामने बिठाते नहीं और दोस्तों के खिलाफ चाल चलना हमें आता नहीं।
उपरवाला भी कभी कभी Customer Care Executive जैसा बन जाता है सुनता सब है करता कुछ नहीं।
कड़वा भी इसलिए लगता हूँ लोगों को क्योंकि सच बोलता हूँ; तुम कहो तो मीठा हो जाऊं फिर यह ना कहना बहुत झूठ बोलते हो यार।
जब कागज़ पर लिखा मैंने माँ का नाम कलम अदब से बोल उठी हो गए चारों धाम ।
टेक्नोलॉजी के जमाने में सब कुछ बदला है। पहले जो कट्टी हुआ करती थी अब उसे Block के नाम से जाना जाता है।
मैं रात भर जन्नत की सैर करता रहा यारो; सुबह जब आँख खुली तो सर माँ के कदमो में था!