ऊँच नीच का भेदभाव तो जमाना करता होगा yaaro
माँ तो कहती हैं चंदा सब का मामा लगता है
ऊँच नीच का भेदभाव तो जमाना करता होगा yaaro
माँ तो कहती हैं चंदा सब का मामा लगता है
मुझे तो सुख मे साथी चाहिये
दुख मे तो मेरी माँ अकेली ही काफी है
जिस के होने से मैं खुद को मुक्कमल मानता हूँ
मेरे रब के बाद मैं बस मेरी माँ को जानता हूँ
भगवान न दिखाई देने वाले माता-पिता है
और माता-पिता दिखाई देने वाले भगवान है
दो शब्द बेटियों के लिए :-
चिड़िया को देख वो बोली पापा मुझे भी पँख चाहिए
पापा मन ही मन बोले पँख ना होते हुए भी उड़ जाना तुझे एक दिन
लोग माँ बाप कि नसीहत तो भूल जाते हैं
पर उनकी वसीयत नहीं भूलते
किसी को घर मिला हिस्से में या किसी को दुकान आयी
मैं घर में सबसे छोटा था मेरे हिस्से में माँ आयी
बड़े अनमोल हे ये खून के रिश्ते इनको तू बेकार न कर
मेरा हिस्सा भी तू ले ले मेरे भाई घर के आँगन में दीवार ना कर
तुझे कोई और भी चाहे,इस बात से
दिल थोडा थोडा जलता है,||
पर फखर है मुझे इस बात पे कि,
हर कोई मेरी पसंद पे ही मरता है l
पूछता है जब कोई मुझसे कि दुनिया में अब मोहब्बत बची है कहाँ
मुस्कुरा देता हूँ मैं और याद आ जाती है माँ
कुछ ऐसा काम करो कि आपके माता-पिता अपनी प्रार्थना में कहें
हे प्रभु हमें हर जन्म में ऐसी ही संतान देना
खुदा तुने गुल को गुलशन मै जगह दी पानी को दरीया मै जगह दी
तु उसे जन्नत मै जगह देना जिसने मुझे 9 महिने पेट मै जगह दी
मैं ही नहीं बड़े बड़े सूरमा भी याद करते हैं
दर्द जब हद से ज्यादा होता है तो सब माँ को याद करते हैं
मांग लूँ यह मन्नत की फिर यही जहाँ मिले
फिर वही गोद फिर वही माँ मिले
माँ जब भी दुआयें मेरे नाम करती है
रास्ते की ठोकरें मुझे सलाम करती है