देख कर उसको तेरा यूँ पलट जाना
नफरत बता रही है तूने मोहब्बत गज़ब की थी

कॉक्रोच देखते ही हाथ छुड़ा कर भाग गयी
जो कहती थी मरते दम तक साथ निभाउंगी

वो मुझे याद तो करती है मगर कुछ ऐसे
जैसे घर का दरवाजा किसी रात खुला रह जाए

बुरे हैं ह़म तभी तो ज़ी रहे हैं
अच्छे होते तो द़ुनिया ज़ीने नही देती
Er kasz

कुछ रूठे हुए लम्हें कुछ टूटे हुए रिश्ते
हर कदम पर काँच बन कर जख्म देते है

जाने कितनी रातो की नींदे ले गया वो हमारी
जो पल भर को मोहब्बत जताने आया था

होती अगर मोहब्बत बादल के साये की तरह
तो मै तेरे शहर मे कभी धूप ना आने देता

किसी ने मुझसे पूछा कैसी है अब जिंदगी
मैने मुस्कुरा कर जवाब दिया वो खुश है

फिर वफायें भी करोगे तो कोई ना पूछेगा
ये सारे सितम मेरे मर जाने तक ही हैं बस

तेरी तो फितरत थी सबसे मोहब्बत करने की
हम तो बेवजह खुद को खुशनसीब समझने लगे

जो निखर कर बिखर जाये वो कर्तव्य है
और जो बिखर कर निखर जाए वो व्यक्तित्व हैं

ना जाने कौन छेड़ता हैं रोज़ दिल को मेरे
उस जगह होता नही जिस जगह रखता हूँ मैं

अजीब दास्तान हे इस छोटे से दिल की
मरम्मत हम करे सुधारे भी हम ओर तोड़ कोई ओर दे

ये तो सच हैं की हमे चाहने वाले बहोत हैं
पर ये हमारी जिद थी की हमे सिफ्र तु चाहै

मुहब्बत कर लीजिये बेइंतहा किताबो से
एक यही हैं जो अपनी बातो से पलटा नही करती