चुप रहते हैं हम कि कोई खता न हो जाये; हमसे यूँ ही कोई रुस्वा न हो जाये; बड़ी मुश्किल से बना है अपना कोई; मिलने से पहले ही कोई जुदा न हो जाये।

जितनी जल्दी हो सके दूसरों को उनकी गलतियों के लिए क्षमा कर दो; यह आप उनके लिए नहीं करेंगे बल्कि अपने जीवन में शांति लाने के लिए करेंगे।

खता अगर हमसे हो जाये तो माफ़ करना; याद ना कर पाये तुम्हें तो माफ़ करना; यूँ तो हम कभी आपको भूलते नहीं; पर यह दिल की धड़कन ही थम जाये तो माफ़ करना।

इस कदर हमारी चाहत का इम्तिहान मत लीजिये; क्यों हो खफ़ा ये बयान तो कीजिये; कर दीजिये माफ़ अगर हो गई है कोई खता; यूँ याद न करके सज़ा तो न दीजिये।

दिल के ज़ख्मों को उनसे छुपाना पड़ा; पलक भीगी थी पर मुस्कुराना पड़ा; कैसे होते हैं यह मोहब्बत के रिवाज़; रूठना चाहते थे उनसे पर उनको ही मनाना पड़ा।

आज मैंने से ये वादा किया है; माफ़ी माँगूंगा उससे जिसको रुस्वा किया है; हर मोड़ पर रहूँगा मैं उस के साथ-साथ; मालूम है कि मैंने उसको कितना जुदा किया है।

चाहो जो मेरी खताओं की सज़ा दो मुझको; पर खता क्या है ज़रा इतना बता दो मुझको; माफ़ कर दो मुझे मैंने चाहा है सिर्फ तुमको; इन वफाओं के सिले ऐसी वफ़ा दो मुझको।

इस कदर हमारी चाहत का इम्तिहान मत लीजिये; क्यों हो खफ़ा ये बयान तो कीजिये; कर दीजिये माफ़ अगर हो गई है कोई खता; यूँ हमें तडपा-तडपा कर सजा तो ना दीजिये।

आज मैंने खुद से यह वादा किया है; माफ़ी मांगूगा उससे जिसको रुसवा किया है; हर मोड़ पर ही हूँगा मैं उसके साथ साथ; मालूम है कि मैंने उसको कितना जुदा किया है।

अपना दोष कभी देखो तो क्षमा नहीं करना दूसरों का दोष देखो तो हमेशा क्षमा कर देना। अगर आप इन दोनों आदतों को अपनाते है तभी आप जीवन में तरक्की कर सकते हैं।

दोस्ती में दूरियां तो आती रहती हैं; फिर भी दोस्ती दिलों को मिला देती है; वो दोस्ती ही क्या जिसमे नाराज़गी ना हो; पर सच्ची दोस्ती रूठे हुए को मना लेती है।

इस कदर हमारा इम्तिहान मत लीजिये; क्यों हो गए हो ख़फ़ा ये बयां तो कीजिये; कर दीजिये माफ़ अगर हो गयी है कोई खता हमसे; यूँ मुँह फेर कर हमसे हमें सज़ा तो मत दीजिये।