ऐसी हसीं आज बहारों की रात हैं; एक चाँद आसमा पर है एक मेरे पास है; देने वाले ने कोई कमी ना की; किसको क्या मिला ये मुकद्दर की बात है। शुभ रात्रि!
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ऐसी हसीं आज बहारों की रात हैं; एक चाँद आसमा पर है एक मेरे पास है; देने वाले ने कोई कमी ना की; किसको क्या मिला ये मुकद्दर की बात है। शुभ रात्रि!
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