चाँदनी रात में जब सारा जहान सोता है; किसी की याद में कोई बदनसीब रोता है; ख़ुदा किसी को प्यार पे फ़िदा ना करे; और करे तो जुदा ना करे। शुभ रात्रि!
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चाँदनी रात में जब सारा जहान सोता है; किसी की याद में कोई बदनसीब रोता है; ख़ुदा किसी को प्यार पे फ़िदा ना करे; और करे तो जुदा ना करे। शुभ रात्रि!
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