नींद तो आने को थी; पर दिल पिछले क़िस्से ले बैठा; वही तन्हाई वही आवारगी; वही उसकी यादें और वही सुबह। शुभरात्रि!
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नींद तो आने को थी; पर दिल पिछले क़िस्से ले बैठा; वही तन्हाई वही आवारगी; वही उसकी यादें और वही सुबह। शुभरात्रि!
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