मुझे सुलाने की खातिर जब रात आती है; हम सो नहीं पाते रात खुद सो जाती है; पूछने पे दिल से ये आवाज आती है; आज दोस्त को याद कर ले रात तो रोज आती है! शुभ रात्रि!
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मुझे सुलाने की खातिर जब रात आती है; हम सो नहीं पाते रात खुद सो जाती है; पूछने पे दिल से ये आवाज आती है; आज दोस्त को याद कर ले रात तो रोज आती है! शुभ रात्रि!
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