या रब तू अपना जलवा दिखा दे; उनकी ज़िंदगी को भी अपने नूर से सज़ा दे; बस इस दिल की यही दुआ है ऐ मालिक; उनके सपनो को तू हक़ीक़त बना दे। शुभ रात्रि!
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या रब तू अपना जलवा दिखा दे; उनकी ज़िंदगी को भी अपने नूर से सज़ा दे; बस इस दिल की यही दुआ है ऐ मालिक; उनके सपनो को तू हक़ीक़त बना दे। शुभ रात्रि!
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