क्या मिला प्यार में अपनी ज़िंदगी के लिए; रोज़ आँसू ही पिए हैं मैंने किसी के लिए; वो गैरों में खुशियां मनाते रहे; और हमे अपनी ही हँसी के लिए तड़पाते रहे।
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क्या मिला प्यार में अपनी ज़िंदगी के लिए; रोज़ आँसू ही पिए हैं मैंने किसी के लिए; वो गैरों में खुशियां मनाते रहे; और हमे अपनी ही हँसी के लिए तड़पाते रहे।
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