दिल की बात लबों पर लाकर अब तक हम दुःख सहते हैं; हम ने सुना था इस बस्ती में दिल वाले भी रहते हैं; बीत गया सावन का महीना मौसम ने नज़रें बदलीं; लेकिन इन प्यासी आँखों से अब तक आँसू बहते हैं।

Your Comment Comment Head Icon

Login