कभी खुशी की आशा, कभी गम की निराशा कभी खुशियों की धूप, कभी हक़ीक़त की छाया
कुछ खोकर कुछ पाने की आशा शायद यही है ज़िंदगी की सही परिभाषा
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कभी खुशी की आशा, कभी गम की निराशा कभी खुशियों की धूप, कभी हक़ीक़त की छाया
कुछ खोकर कुछ पाने की आशा शायद यही है ज़िंदगी की सही परिभाषा
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