होंठों पे दिल के तराने नहीं आते; साहिल पे समंदर के फ़साने नहीं आते; नींद में भी खुल उठती हैं पलकें; आँखों को ख्वाब छुपाने नहीं आते।
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होंठों पे दिल के तराने नहीं आते; साहिल पे समंदर के फ़साने नहीं आते; नींद में भी खुल उठती हैं पलकें; आँखों को ख्वाब छुपाने नहीं आते।
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