ऐ रात तू मेरे अकेले पन पर इस कदर मत हस
वर्ना तू उस दिस बहुत पछताएगी जब मेरी मोहबह्त मेरी बहो में होगी
ऐ रात तू मेरे अकेले पन पर इस कदर मत हस
वर्ना तू उस दिस बहुत पछताएगी जब मेरी मोहबह्त मेरी बहो में होगी
नैनो के काजल से महकों की बहार से
इस गुल-ए-गुलज़ार से दिल के हर तार से
बड़े ही प्यार से कहते हैं आपको
कुछ बनना है तो शौक से बनो पर एक ख्याल रखना
भीड़ का हिस्सा मत बनना हाँ जिसके लिए भीड़ जुटे वो किस्सा बनना
मैं लिखता हुं सिर्फ दिल बहलाने के लिए वर्ना
जिस पर प्यार का असर नही हुआ उस पर अल्फाजो का क्या असर होगा
मैने खुदा से पुछा कि क्यूँ तू हर बार छीन लेता है मेरी हर पसंद
वो हंस कर बोला मुझे भी पसंद है तेरी हर पसंद
तकदीर किसी भी वक्त बदल सकती है..
होसला रखो इरादा ना बदलो..
जिसे दिल से चाहते हो.वो चीज कभी भी मिल सकती है
समस्त संसार के लिए हो सकता है कि आप केवल एक इंसान हों लेकिन संभव है कि किसी एक इंसान के लिए आप समस्त संसार हों।
दुश्मन भी हमारी हालत देख कर हँस
उठे....!
कहने लगे.. जिसका हम कुछ नही कर सके.....
उसका मोहब्बत ने क्या हाल कर दिया....!!
इंसान अगर प्यार में पड़े तो ग़म में पड़ ही जाता है; क्योंकि प्यार किसी को चाहे जितना भी करो थोड़ा सा तो कम पड़ ही जाता है।
चाहो तो भुला देना हमे दिल से याद रखने की सिफारिश नही की
तुम्हे ही माना हे रहनुमा अपना और तो किसी चीज की खवाइश नही की
ज़िंदगी भी टेम्पल रन और सब्वे सर्फर गेम जैसी हो गयी है
भागते दौड़ते पैसे कमा रहे हैं पर जाना कहा है किसीको पता नही
G.R..s
मुझे इन पत्थरों का डर ना होता; अगर शीशे का मेरा घर ना होता; यकीकन हम भी खेलते प्यार की बाज़ी; अगर दिल टूटने का डर ना होता।
नजरों से नजरों का टकराव होता है; हर मोड़पर किसी का इंतज़ार होता है; दिल रोता है जख्म हँसते हैं; इसी का नाम ही प्यार होता है।
हर किसी पर इतना ऐतबार मत करो; किसी की चाहत में दिल बेकरार मत करो; या तो हौंसला रखो दर्द सहने का; या फिर किसी से प्यार मत करो!
रूठ जाओ कितना भी मना लेंगे; दूर जाओ कितना भी बुला लेंगे; दिल आखिर दिल है सागर की रेत तो नहीं; कि नाम लिखकर उससे मिटा देंगे।