जब टूटने लगे हौंसले तो बस यही याद रखना; बिना मेहनत के कोई तख्तो-ताज हासिल नहीं होते; ढूंढ लेना अंधेरों में मंज़िल अपनी; क्योंकि जुगनू कभी रौशनी के मोहताज़ नहीं होते।
Like (1) Dislike (0)
जब टूटने लगे हौंसले तो बस यही याद रखना; बिना मेहनत के कोई तख्तो-ताज हासिल नहीं होते; ढूंढ लेना अंधेरों में मंज़िल अपनी; क्योंकि जुगनू कभी रौशनी के मोहताज़ नहीं होते।
Your Comment