फूल बनकर मुस्कुराना ज़िंदगी है; मुस्कुरा के ग़म भुलाना ज़िंदगी है; मिल कर खुश हुए तो क्या हुआ; बिना मिले रिश्ते निभाना ज़िंदगी है।
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फूल बनकर मुस्कुराना ज़िंदगी है; मुस्कुरा के ग़म भुलाना ज़िंदगी है; मिल कर खुश हुए तो क्या हुआ; बिना मिले रिश्ते निभाना ज़िंदगी है।
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