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Birthday Shayari
हमारी महानतम विशालता कभी भी न
हमारी महानतम विशालता कभी भी न
हमारी महानतम विशालता कभी भी न गिरने में नहीं अपितु गिरने पर हर बार फिर उठ जाने में निहित है।
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नदी जब किनारा छोड़ देती हैं;
बड़े सपनों को पाने वाले हर
आयें हम शायरो के महफ़िल में
सोच को बदलो सितारे बदल जायेंगे;
पैरों के साथ नृत्य एक बात
पहाड़ चढ़ने का एक असूल है
ज़िंदगी में जो चाहो हांसिल कर
किसी व्यक्ति की सारी जिंदगी की
हो कर मायूस न यूँ शाम
मोहब्बत के नये मायने ढूंढने पड़ेंगेउसने
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