अजीब नशा है होशियार रहना चाहता हूँ; मैं उस के ख़्वाब में बेदार रहना चाहता हूँ; ये मौज-ए-ताज़ा मेरी तिश्नगी का वहम सही; मैं इस सराब में सरशार रहना चाहता हूँ।
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अजीब नशा है होशियार रहना चाहता हूँ; मैं उस के ख़्वाब में बेदार रहना चाहता हूँ; ये मौज-ए-ताज़ा मेरी तिश्नगी का वहम सही; मैं इस सराब में सरशार रहना चाहता हूँ।
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