अपनी ज़िन्दगी में मुझ को करीब समझना; कोई ग़म आये तो उस ग़म में भी शरीक समझना; दे देंगे मुस्कुराहट आँसुओं के बदले; मगर हज़ारों में मुझे थोड़ा अज़ीज़ समझना।
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अपनी ज़िन्दगी में मुझ को करीब समझना; कोई ग़म आये तो उस ग़म में भी शरीक समझना; दे देंगे मुस्कुराहट आँसुओं के बदले; मगर हज़ारों में मुझे थोड़ा अज़ीज़ समझना।
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