इश्क है वही जो हो एक तरफा; इजहार है इश्क तो ख्वाईश बन जाती है; है अगर इश्क तो आँखों में दिखाओ; जुबां खोलने से ये नुमाइश बन जाती है।
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इश्क है वही जो हो एक तरफा; इजहार है इश्क तो ख्वाईश बन जाती है; है अगर इश्क तो आँखों में दिखाओ; जुबां खोलने से ये नुमाइश बन जाती है।
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