तेरे ही क़दमों में मरना भी और जीना भी; कि तेरा प्यार है दरिया भी और सफ़ीना भी; मेरी नज़र में तो अब सब बराबर हैं; मेरे लिए तो तू ही है काशी तू ही मदीना भी।
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तेरे ही क़दमों में मरना भी और जीना भी; कि तेरा प्यार है दरिया भी और सफ़ीना भी; मेरी नज़र में तो अब सब बराबर हैं; मेरे लिए तो तू ही है काशी तू ही मदीना भी।
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