फिर से वो सपना सजाने चला हूँ; उमीदों के सहारे दिल लगाने चला हूँ; पता है कि अंजाम बुरा ही होगा मेरा; फिर भी किसी को अपना बनाने चला हूँ।
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फिर से वो सपना सजाने चला हूँ; उमीदों के सहारे दिल लगाने चला हूँ; पता है कि अंजाम बुरा ही होगा मेरा; फिर भी किसी को अपना बनाने चला हूँ।
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