प्रोफ़ेसर: ग़ालिब की आरजू थी कि महबूबा की जुल्फों से शराब के क़तरे टपकें और वो उन कतरों को हलक में उतार ले। पप्पू: सर अगर उन में जुएं होती तो ग़ालिब वो भी हलक में उतार लेते? प्रोफ़ेसर: ग़ालिब की यह आरजू अपनी महबूबा से थी तेरी बेबे कोलो नहीं।

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