चाँद की जुदाई में आसमान भी तड़प गया; उसकी झलक पाने को हर सितारा तरस गया; बादल का दर्द क्या कहूं; चाँद की याद में वो तो हँसते-हँसते बरस गया।
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चाँद की जुदाई में आसमान भी तड़प गया; उसकी झलक पाने को हर सितारा तरस गया; बादल का दर्द क्या कहूं; चाँद की याद में वो तो हँसते-हँसते बरस गया।
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