पाने से खोने का मज़ा कुछ और है; बंद आँखों से देखने का मज़ा कुछ और है; आंसू बने लफ्ज़ और लफ्ज़ बने ग़ज़ल; तेरी यादों के साथ जीने का मज़ा कुछ और है।
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पाने से खोने का मज़ा कुछ और है; बंद आँखों से देखने का मज़ा कुछ और है; आंसू बने लफ्ज़ और लफ्ज़ बने ग़ज़ल; तेरी यादों के साथ जीने का मज़ा कुछ और है।
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