बूँदें बारिश की यूँ ज़मीन पर आने लगी; सोंदी सी महक माटी की जगाने लगी; हवाओं में भी जैसे मस्ती छाने लगी; वैसे ही हमें भी आपकी याद आने लगी।
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बूँदें बारिश की यूँ ज़मीन पर आने लगी; सोंदी सी महक माटी की जगाने लगी; हवाओं में भी जैसे मस्ती छाने लगी; वैसे ही हमें भी आपकी याद आने लगी।
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