सामने ना हो तो तरसती हैं आँखें; याद में तेरी बरसती हैं आँखें; मेरी लिए नहीं इनके लिए ही आ जाओ; आपका बेपनाह इंतज़ार करती हैं आँखें!
Like (0) Dislike (0)
सामने ना हो तो तरसती हैं आँखें; याद में तेरी बरसती हैं आँखें; मेरी लिए नहीं इनके लिए ही आ जाओ; आपका बेपनाह इंतज़ार करती हैं आँखें!
Your Comment