जिंदगी का ग़म तू क्या जानेगा ग़ालिब; तू तो बस शायरी करता है . . . . . . . . . . कभी बीवी के साथ शाँपिंग कर के देख।
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जिंदगी का ग़म तू क्या जानेगा ग़ालिब; तू तो बस शायरी करता है . . . . . . . . . . कभी बीवी के साथ शाँपिंग कर के देख।
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