ट्रेन में खिड़की वाली सीट पर बैठी दो औरतें आपस में लड़ रहीं थी। एक कहती: कि मुझे गर्मी लग रही है खिड़की का कांच खुला रहने दो। तो दूसरी कहती: उसे सर्दी लग रही है खिड़की बंद रहेगी। एक कांच ऊपर करती तो दूसरी उसे बंद कर देती। लड़ाई जब आपस में बाल खींचने तक पहुँच गई तब पास बैठे एक आदमी ने कहा: बाई काहे को लड़ रही हो पहले देख तो लो खिड़की में कांच ही नहीं है।
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