पलकों से आंसू बिखर जाते हैं आप इतना याद आते हैं! हम आज भी उसी मोड़ पर खड़े हैं; जहाँ आप ने कहा था . .. ... तुम रुको हम दारु-सोडा ले कर आते हैं!
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पलकों से आंसू बिखर जाते हैं आप इतना याद आते हैं! हम आज भी उसी मोड़ पर खड़े हैं; जहाँ आप ने कहा था . .. ... तुम रुको हम दारु-सोडा ले कर आते हैं!
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