हैरत है कैसा दौर आ गया है
लोग हर रिश्ता मौसम की तरह निभाते है
कभी जम कर बरसते है और
कभी एक एक बूँद को तरसाते है
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हैरत है कैसा दौर आ गया है
लोग हर रिश्ता मौसम की तरह निभाते है
कभी जम कर बरसते है और
कभी एक एक बूँद को तरसाते है
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