परीक्षा में बैठकर हम यही सोचते हैं कि हमारी यादाश्त बहुत कमजोर है। लेकिन जिससे कभी प्यार किया हो और उसे भूलना चाहें . . . . . . तो लगता है कि जैसे सारी दुनिया के काजू-बादाम हमने ही खा रखे हो।

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