कभी ये धड़कन आपसे जो भी कहे; फिर साँसों को भी उसकी ख़बर न हो; बहुत गहरा है ये रिश्ता हमारा; करते हैं दुआ कि किसी की नज़र न लगे। सुप्रभात!
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कभी ये धड़कन आपसे जो भी कहे; फिर साँसों को भी उसकी ख़बर न हो; बहुत गहरा है ये रिश्ता हमारा; करते हैं दुआ कि किसी की नज़र न लगे। सुप्रभात!
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