खिलते फूल जैसे लबों पर हंसी हो; ना कोई गम हो ना कोई बेबसी हो; सलामत रहे ज़िंदगी का यह सफ़र; जहाँ आप रहो वहाँ बस ख़ुशी ही ख़ुशी हो! सुप्रभात!
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खिलते फूल जैसे लबों पर हंसी हो; ना कोई गम हो ना कोई बेबसी हो; सलामत रहे ज़िंदगी का यह सफ़र; जहाँ आप रहो वहाँ बस ख़ुशी ही ख़ुशी हो! सुप्रभात!
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