सुबह शाम तेरी चाहत करूँ; तुझसे ना कभी कोई शिकायत करूँ; तेरे हसीं लबों पे यूं ही मुस्कान बरक़रार रहे सदा; मुझमे समाये रहो मेरी धड़कन बनकर; चाहकर भी तुझको खुद से जुदा ना करूँ। सुप्रभात!
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सुबह शाम तेरी चाहत करूँ; तुझसे ना कभी कोई शिकायत करूँ; तेरे हसीं लबों पे यूं ही मुस्कान बरक़रार रहे सदा; मुझमे समाये रहो मेरी धड़कन बनकर; चाहकर भी तुझको खुद से जुदा ना करूँ। सुप्रभात!
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