उसको क्या सज़ा दूँ जिसने मोहब्बत में हमारा दिल तोड़ दिया; गुनाह तो हमने किया जो उसकी बातों को मोहब्बत का रंग दे दिया।
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उसको क्या सज़ा दूँ जिसने मोहब्बत में हमारा दिल तोड़ दिया; गुनाह तो हमने किया जो उसकी बातों को मोहब्बत का रंग दे दिया।
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