ना जाने कौन सी बात पर वो रूठ गयी है; मेरी सहने की हदें भी अब टूट गयी हैं; कहती थी जो कि कभी नहीं रूठेगी मुझसे; आज वो अपनी ही बातें भूल गयी है।
Like (3) Dislike (0)
ना जाने कौन सी बात पर वो रूठ गयी है; मेरी सहने की हदें भी अब टूट गयी हैं; कहती थी जो कि कभी नहीं रूठेगी मुझसे; आज वो अपनी ही बातें भूल गयी है।
Your Comment