वो रास्ते में पलटा तो रुक गया मैं भी; फिर कदम कदम न रहे सफर सफर न रहा; नज़रों से गिराया उसको कुछ इस तरह हम ने; कि वो खुद अपनी नज़रों में मुताबिर न रहा।
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वो रास्ते में पलटा तो रुक गया मैं भी; फिर कदम कदम न रहे सफर सफर न रहा; नज़रों से गिराया उसको कुछ इस तरह हम ने; कि वो खुद अपनी नज़रों में मुताबिर न रहा।
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