लोग कहते हैं मुझे कि क्या हुआ जो दिल टूट गया
मोहब्बत दोबारा कर लो अब उन्हें कैसे समझाऊँ कि
मोहब्बत तो इबादत की तरह की थी मैंने उससे अब खुदा कैसे बदल लूँ
ना नमाज़ आती है ना इबादत आती है सजदा कर लेता हूँ मैं जब सामने माँ आती है

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