तनहा बैठे हैं दोनों मैं और मेरा दिल
तेरी याद में रहते हैं दोनों मैं और मेरा दिल
शीशे का वजूद और हर तरफ हाथ में पत्थर
सहमें बैठे हैं दोनों मैं और मेरा दिल
खामोशी का सबब जो कोई पूछ ले
तेरा नाम ही लेते हैं दोनों मैं और मेरा दिल

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