मत बता मुझे मन्दिर और मस्जिद के रसूख़ की कहानी
मैं मज़दूर हूँ पता नहीं कितने अल्लाह और भगवान के ठिकाने इन हाथों ने बनाये होंगे
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मत बता मुझे मन्दिर और मस्जिद के रसूख़ की कहानी
मैं मज़दूर हूँ पता नहीं कितने अल्लाह और भगवान के ठिकाने इन हाथों ने बनाये होंगे
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