वो मुहब्बत भी उसकी थी वो नफरत भी उसकी थी
वो अपनाने और ठुकराने की अदा भी उसकी थी !
मैं अपनी वफा का इन्साफ किस से मांगता
वो शहर भी उसका था वो अदालत भी उसकी थी !
Like (1) Dislike (0)
वो मुहब्बत भी उसकी थी वो नफरत भी उसकी थी
वो अपनाने और ठुकराने की अदा भी उसकी थी !
मैं अपनी वफा का इन्साफ किस से मांगता
वो शहर भी उसका था वो अदालत भी उसकी थी !
Your Comment