तेरी मजबूरियाँ भी होंगी चलो मान लेते है
मगर तेरा वादा भी था मुझे याद रखने का
तेरी मजबूरियाँ भी होंगी चलो मान लेते है
मगर तेरा वादा भी था मुझे याद रखने का
मनुष्य की इच्छाओ में से यदि आधी भी पूर्ण
हो जाए तो उसकी मुसीबते दुगनी हो जाए
यही सोचकर कोई सफाई नहीं दी हमने
कि इल्जाम झूठे भले हैं पर लगाये तो तुमने हैं
अगर मालूम होता की इतना तड़पाता है इश्क,
तो दिल जोड़ने से पहले हाथ जोड़ लेते।
ऐ मोहब्बत तुझे पाने की कोई राह नहीं
तू तो उसे ही मिलेगी जिसे तेरी परवाह नहीं
मोहब्बत ना सही मुकदमा ही कर दे मुझ पर
कम से कम तारीख दर तारीख मुलाक़ात तो होगी
तेरी यादों की कोई सरहद होती तो अच्छा होता
खबर तो होती की सफ़र कितना तय करना है
तू तो Online होने पर भी Reply नहीं करती पगली
और हम कमबख्त हिचकियाँ आने पर भी Data on कर देते है
ख़ुदा तूने तो लाखों की तकदीर संवारी है...
मुझे दिलासा तो दे, के अब मेरी बारी है...!
मत पूछना मेरी शख्सियत के बारे में
हम जैसे दिखते है वैसे ही लिखते है
जब महसूस हो कि सारा शहर तुमसे जलने लगा है...
समझ लेना तुम्हारा नाम चलने लगा है.....
तुम्हें नींद नहीं आती तो कोई और वजह होगी
अब हर ऐब के लिए कसूरवार इश्क तो नहीं
मेरे चेहरे से जो जाहिर है जरा पढके बता
सुना है मेरे दोस्त तू पढा लिखा बहुत है
साँसों का टूट जाना तो आम बात है दोस्तों
जहाँ अपने बदल जाये मौत तो उसे कहते है
वैसे तो लोग प्यार झूठ से करते बहुत है
बात दिल दुखाने की हो तो सच बोलते बहुत है