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Inspirational Shayari
छोटे शहर के अखबार जैसा हूँ
छोटे शहर के अखबार जैसा हूँ
छोटे शहर के अखबार जैसा हूँ मैं
दिल से लिखता हूँ शायद इसीलिए कम बिकता हूँ
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मेरे दिल से खेल तो रहे
इन्सान घर बदलता है लिबास बदलता
ये तेरे याद के बादल जो
कोई दुश्मनी नही ज़िन्दगी से मेरी
ज़ख़्मों के बावजूद मेरा हौसला तो
तमाम लोग मेरे साथ थे मगर
हर इन्शान को भगवान् ने जिंदगी
कामयाबी का जूनून होना चाहिएफिर मुश्किलो
जब भी होती है गुफ्तगु खुद
ིइतना तो दर्द मुझे जिन्दगी तूने
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