दो दोस्त थे पक्के और सच्चे उनकी दोस्ती के किस्से गली मे
तो क्या पुरे गाव मे मशहुर थे
लोग उनकी दोस्ती की मिसाल दिया करते और उनकी दोस्ती
थी भी इसी लायक या यु कहे तो जान थे एक दुसरे की वो जहा भी मिलते थे कहा करते थे

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