होली का त्यौहार आया रंगो की फुहार लाया
रंग-गुलाल अब उड़ने लगा है मस्त का रंग ही चढ़ने लगा है
फागुन के इस मस्त महीने धरती का श्रंगार करने बसंत ऋतू भी आ पहुची है
वन उपवन में फूल खिलें हैं खुशबू हवा में घुलने लगी है
नववर्ष के स्वागत के लिए धरती भी अब सजने लगी है
यह वर्ष अब जाने वाला है नव वर्ष अब आने वाला है
बीती बाते भूल जाओ सब जो होनी थी है वो हो ली
आगे बढ़ो गुलाल लगाओ मिल कर सब
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