हर सफल आदमी के पीछे औरत खड़ी होती है
और असफल आदमी के सामने रिश्तेदार

औकात क्या है तेरी ए जिँदगी
चार दिन कि मुहोब्बत तुझे तबाह कर देती है

इश्क का धंधा ही बंद कर दिया साहेब
मुनाफे में जेब जले और घाटे में दिल

न आह सुने दी न तड़प दिखाई दी..
फ़ना हो गए तेरे इश्क में बड़ी ख़ामोशी के साथ..!

अधुरे रिश्ते हमेशा तकलीफ़ देते है
ना खुद मरते है ना हमे मरने देते है

दर्द ऐ महोबत तो हमने भी बहुत की,
पर भुल गये थे की HEROIN कभी
VILLAIN की नही होती...!!

आँसू बहा बहा के भी होते नही हैं कम
कितनी अमीर होती हैं आँखें गरीब की

बस एक ख़्वाहिशें ही तो बस में मेरे,
वरना लकीरों पर मेरा ज़ोर कहाँ ।।

हर एक चेहरा यहाँ पर गुलाल होता है
हमारे शहर मैं पत्थर भी लाल होता है

हमारा तो शौक है तलवार रखने का
बंन्दुक के लिए तो बच्चे भी जिद करते है

उठाये जो हाथ उन्हें मांगने के लिए,
किस्मत ने कहा, अपनी औकात में रहो।

कभी जरुरत पङे तो बुला लेना मैँ कोई
गुजरा हुआ वक्त नहीँ जो वापस ना आऊ

तु शायद मुझे भूल गई होगी पगली
पर मेरे Phone काLo©k आज भी तेरे N@Am से ही खुलता है

हमेँ सिँगल रहने का शौक नहीँ
हमारा तेवर झेल सके जो वो आज तक मिला नहीँ

पतंग सी है जिंदगी कहा तक जायेगी...
रात हो या उम्र एक न एक दिन कट जायेगी..!!