महसूस कर रहे हैं तेरी लापरबाई कुछ दिनों से
याद रखना अगर हम बदल गये तो मनाना तेरे बस की बात नही
महसूस कर रहे हैं तेरी लापरबाई कुछ दिनों से
याद रखना अगर हम बदल गये तो मनाना तेरे बस की बात नही
तेरी रूह का मेरी रूह से निकाह हो गया हो जैसे
तेरे सिवा किसी अौर को सोचूँ तो नाजायज़ सा लगता है
हम तो बातो-बातो में दिल की बात कह
जाते हैं... और कई
लोग... गीता पर हाथ रख कर भी, सच नहीं
कह पाते है..!!
अब इस से भी बढ़कर गुनाह-ए-आशिकी क्या होगा
जब रिहाई का वक्त आया तो पिंजरे से मोहब्बत हो चुकी थी.
देखी जो नब्ज मेरी हँस कर बोला वो हकीम
जा जमा ले महफिल दोस्तों के साथ तेरे हर मर्ज की दवा वही है
सुबह सुबह कोई बहोत ही प्यार से आपको मॉर्निंग Wish करे
तो यकिनन मॉर्निंग ख़ूबसूरत हो ही जाती हैं
मेरी तकदीर को बदल देंगे मेरे बुलंद इरादे,
मेरी किस्मत नहीं मोहताज मेरे हाँथों कि लकीरों कि !!!
यूँ तो हम खुद ही ज़माने से तेरे इश्क का ऐलान कर दें
मगर तेरे नाम की अफवाहों का मज़ा ही कुछ और है
आंसु निकल पड़े ख्वाब मैं तुझे दुर जाता देख कर,
ऑख खुली तो एहसास हुआ इश्क सोते हुए भी रूलाता है..!!
मेरा ईश्क हदें तब भूल जाता है जब लड़ते लड़ते वो कहती है
लेकिन प्यार मैं ज्यादा करती हूं तुमसे
पैसों से बंदूके मिलती हैं हिम्मत और जिगर नहीं
जिस दिन हम से सामना होगा सारी गर्मी निकल जाएगी
नहीं करेंगे आज के बाद कभी मन्नतें तुम्हारी
खुदा जब राजी होगा तब तुम तो क्या हर चीज़ मेरी होगी
इतना जलाने के बाद भी वो ज़ालिम धुआं ढूंढते हे
निकलते हे आंसू कहाँ से इतने पूछकर कुआं ढूंढते हे
जिसको गलत तस्वीर दिखाई उसको ही बस खुश रख पाया
जिसके सामने आईना रक्खा हर शख्स वो मुझसे रूठ गया
वक़्त और दोस्त मिलते तो मुफ्त हैं ,
लेकिन उनकी कीमत का अंदाज़ा तब होता हैजब ये कहीं खो जाते हैं.